Diwano Ki Shayari by Arjun Dodiyar
तुझे चाहा तो बहुत इजहार न कर सके कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके तुने मांगा भी तो अपनी जुदाई मांगी और हम थे की तुझे इंकार न कर सके...
हैरत से ना देख मेरे चेहरे की दरारें मैं वक्त के हाथों में खिलौने की तरह था....
कोई तो जलवा खुदा के वास्ते दीदार के काबिल दिखाई दे संगदिल तुम मिल चुके हजारों कोई हाल-ए-दिल तो दिखाई दे
काश बनाने वाले ने दिल कांच का बनाया होता दिल तोड़ने वालों के हाथों में जख्म तो आया होता जब भी वह देखता अपने हाथों की तरफ कम से कम उसे मेरा ख्याल तो आया होता
जिस नगर में भी जाओ किस्से हैं कमबख्त दिल के कोई ले कर रो रहा है कोई देख कर रो रहा है
एक नदियां है मजबूरी की उस पार हो तुम इ इस पार है हम अब पार उतरना है मुश्किल मुझे देख कर दे बस रहने दो
कभी प्यार था अपना दीवाना सा झिझक थी एक अदा भी सब गुजर गया एक मौसम सा अब याद का बच्चा रहने दो क्या
तुझे चाहा तो बहुत इजहार न कर सके कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके तुने मांगा भी तो अपनी जुदाई मांगी और हम थे की तुझे इंकार न कर सके...
हैरत से ना देख मेरे चेहरे की दरारें मैं वक्त के हाथों में खिलौने की तरह था....
कोई तो जलवा खुदा के वास्ते दीदार के काबिल दिखाई दे संगदिल तुम मिल चुके हजारों कोई हाल-ए-दिल तो दिखाई दे
काश बनाने वाले ने दिल कांच का बनाया होता दिल तोड़ने वालों के हाथों में जख्म तो आया होता जब भी वह देखता अपने हाथों की तरफ कम से कम उसे मेरा ख्याल तो आया होता
जिस नगर में भी जाओ किस्से हैं कमबख्त दिल के कोई ले कर रो रहा है कोई देख कर रो रहा है
एक नदियां है मजबूरी की उस पार हो तुम इ इस पार है हम अब पार उतरना है मुश्किल मुझे देख कर दे बस रहने दो
कभी प्यार था अपना दीवाना सा झिझक थी एक अदा भी सब गुजर गया एक मौसम सा अब याद का बच्चा रहने दो क्या
तुझे चाहा तो बहुत इजहार न कर सके कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके तुने मांगा भी तो अपनी जुदाई मांगी और हम थे की तुझे इंकार न कर सके...
हैरत से ना देख मेरे चेहरे की दरारें मैं वक्त के हाथों में खिलौने की तरह था....
कोई तो जलवा खुदा के वास्ते दीदार के काबिल दिखाई दे संगदिल तुम मिल चुके हजारों कोई हाल-ए-दिल तो दिखाई दे
काश बनाने वाले ने दिल कांच का बनाया होता दिल तोड़ने वालों के हाथों में जख्म तो आया होता जब भी वह देखता अपने हाथों की तरफ कम से कम उसे मेरा ख्याल तो आया होता
जिस नगर में भी जाओ किस्से हैं कमबख्त दिल के कोई ले कर रो रहा है कोई देख कर रो रहा है
एक नदियां है मजबूरी की उस पार हो तुम इ इस पार है हम अब पार उतरना है मुश्किल मुझे देख कर दे बस रहने दो
कभी प्यार था अपना दीवाना सा झिझक थी एक अदा भी सब गुजर गया एक मौसम सा अब याद का बच्चा रहने दो क्या
तुझे चाहा तो बहुत इजहार न कर सके कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके तुने मांगा भी तो अपनी जुदाई मांगी और हम थे की तुझे इंकार न कर सके...
हैरत से ना देख मेरे चेहरे की दरारें मैं वक्त के हाथों में खिलौने की तरह था....
कोई तो जलवा खुदा के वास्ते दीदार के काबिल दिखाई दे संगदिल तुम मिल चुके हजारों कोई हाल-ए-दिल तो दिखाई दे
काश बनाने वाले ने दिल कांच का बनाया होता दिल तोड़ने वालों के हाथों में जख्म तो आया होता जब भी वह देखता अपने हाथों की तरफ कम से कम उसे मेरा ख्याल तो आया होता
जिस नगर में भी जाओ किस्से हैं कमबख्त दिल के कोई ले कर रो रहा है कोई देख कर रो रहा है
एक नदियां है मजबूरी की उस पार हो तुम इ इस पार है हम अब पार उतरना है मुश्किल मुझे देख कर दे बस रहने दो
कभी प्यार था अपना दीवाना सा झिझक थी एक अदा भी सब गुजर गया एक मौसम सा अब याद का बच्चा रहने दो क्या
तुझे चाहा तो बहुत इजहार न कर सके कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके तुने मांगा भी तो अपनी जुदाई मांगी और हम थे की तुझे इंकार न कर सके...
हैरत से ना देख मेरे चेहरे की दरारें मैं वक्त के हाथों में खिलौने की तरह था....
कोई तो जलवा खुदा के वास्ते दीदार के काबिल दिखाई दे संगदिल तुम मिल चुके हजारों कोई हाल-ए-दिल तो दिखाई दे
काश बनाने वाले ने दिल कांच का बनाया होता दिल तोड़ने वालों के हाथों में जख्म तो आया होता जब भी वह देखता अपने हाथों की तरफ कम से कम उसे मेरा ख्याल तो आया होता
जिस नगर में भी जाओ किस्से हैं कमबख्त दिल के कोई ले कर रो रहा है कोई देख कर रो रहा है
एक नदियां है मजबूरी की उस पार हो तुम इ इस पार है हम अब पार उतरना है मुश्किल मुझे देख कर दे बस रहने दो
कभी प्यार था अपना दीवाना सा झिझक थी एक अदा भी सब गुजर गया एक मौसम सा अब याद का बच्चा रहने दो क्या
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